Thursday, February 17, 2011

तू अकेला नहीं

एक तू ही अकेला नहीं,
आग के दरिया से गुजरे हैं कई,

पाँव के छालों से ना घबरा,
जल कर भी उस पार पहुचें हैं कई,

जीवन कभी रुकता ही नहीं,
साँसों के संग चलना होगा तुझे भी,

उसे ही जयमाला मिलेगी,
जो स्वीकारेगा यह चुनौती....
                                     -  राहुल झा

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