Saturday, March 10, 2012

हमर सजनी ll

सजनी यै हमर सजनी
सुनु मन के हमर बात
समय भेटल एहेन जहन् केलौ ने आहाके याद
एना एसएमएस नै करु एना इमेल नै करु यै
सजनी यै हमर सजनी..

कते आस स अपन निक क भविष्य लेल बापक सम्पति सल्टेलौ
आबी विदेश परदेशक पाइनमे अपन समय बितेलहुँ
अपन मन के बान्हि हम रखलहुँ.... यै - २ पायब सिनेह अहीं के
कहियो भटकल तन के समेटलहुँ... बाँटब देह अहीं से
सजनी यै हमर सजनी.....

होली हो या हो दीवाली मीत अहीं मोर मन के
छै नै कोनो क्षण बिसरी हमहुँ मीत अहीं मोर मन के
५वर्ष के भीजा छै से बुझल छै दुनियां के
लाखों खरच कय हम छी आयल काज करय विदेशमें
आब कहु कि छोड़ि इ सभटा... प्रीतक भोग ले भागी...
आबि गाम अहुँ संग हम कि खाली पेट अनुरागी...
सजनी... यै हमर सजनी....

नै यौ प्रियतम, बुझय छी सभ, कसमश अहुँ के मनके
हमर इ नहि छल सजना भागू सभ अहाँ छोड़िके
यदा-कदा दु प्रेमक बोली कान में दियौ कैसके
फोनहि पर सँ प्रेमालापके तीर सँ मारू जकैड़के
सजना... यौ सजना....
सजनी यै हमर सजनी ...
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