एक तू ही अकेला नहीं,
आग के दरिया से गुजरे हैं कई,
पाँव के छालों से ना घबरा,
जल कर भी उस पार पहुचें हैं कई,
जीवन कभी रुकता ही नहीं,
साँसों के संग चलना होगा तुझे भी,
उसे ही जयमाला मिलेगी,
जो स्वीकारेगा यह चुनौती....
- राहुल झा
bahut nik aich rahul ji
ReplyDeleteji bahu bahut dhanay bad
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